Sirum institute,
08.12.20,
पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) कोविशील्ड की आपूर्ति के लिए भारत सरकार के साथ एक समझौता करने के करीब पहुंच गई है। इस आपूर्ति अनुबंध के तहत कंपनी सरकार को 250 रुपये प्रति खुराक की दर से टीका उपलब्ध कराएगी। सूत्रों ने इस बात की जानकारी दी। एसआईआई आपात स्थिति में कोविशील्ड के इस्तेमाल के लिए भारतीय दवा नियामक को पहले ही आवेदन सौंप चुकी है।
एसआईआई ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका के टीके कोविशील्ड का विकास अपने पुणे संयंत्र में कर रही है और इसका भंडारण भी कर रही है। इस मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने कहा, 'आपूर्ति अनुबंध पर हस्ताक्षर करने से जुड़ी चर्चा अपने अंतिम चरण में पहुंच गई है और शीघ्र ही बात बन सकती है।' एक दूसरे सूत्र ने भी कहा कि चर्चा अंतिम चरण में हैं, लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि कंपनी से कितनी खुराक खरीदी जाएगी। सरकार के साथ होने वाले अनुबंध के तहत टीके की प्रति खुराक करीब 250 रुपये में आएगी।
एसआईआई के मुख्य कार्याधिकारी अदर पूनावाला ने सोमवार को ट्विटर पर कहा, 'अपने वादे के अनुसार एसआईआई ने वर्ष 2020 की समाप्ति से पहले आपात स्थिति में इस्तेमाल के लिए भारत में ही तैयार टीके कोविशील्ड के लिए आवेदन कर दिया है। यह टीका अनगिनत जीवन बचाएगा। मैं भारत सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद देता हूं।'
इस पूरे मामले की जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने कहा कि भारत के लिए जल्द ही 6 करोड़ खुराक उपलब्ध होगी। उन्होंने कहा, 'एसआईआई गावी (टीके की आपूर्ति के लिए तैयार संगठन) के माध्यम से निम्न एवं मध्यम आय वाले देशों को टीके की आपूर्ति करेगी, लेकिन इसमें थोड़ा और समय लगेगा। तब तक एसआईआई भारत को कोविशील्ड की आपूर्ति करेगी और सरकार की पहले चरण की जरूरतें पूरी करेगी।' इस समय एसआईआई के पास 4 करोड़ से अधिक खुराक पहले से ही मौजूद है।
कंपनी को गावी और बिल ऐंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन को कोविशील्ड और नोवावैक्स की 20 करोड़ खुराक की आपूर्ति करनी है। कंपनी इनकी आपूर्ति 250 रुपये या 3 डॉलर प्रति खुराक की दर से करेगी। कंपनी एस्ट्राजेनेका को भी 1 अरब खुराक की आपूर्ति करेगी, जिनमें लगभग आधा भारत के लिए होगा।
भारत सरकार ने ऐसे संकेत दिए हैं कि देश में शुरू में 3 करोड़ लोगों को टीका लगाने के लिए इसे 6 करोड़ खुराक की जरूरत होगी। सरकार सबसे पहले स्वास्थ्यकर्मियों और कोविड-19 की रोकथाम में अग्रणी भूमिका निभाने वाले लोगों को टीका लगाएगी। इसके बाद उन लोगों को टीका लगाया जाएगा, जो किसी न किसी बीमारी से पहले से ही ग्रसित हैं। इनके बाद 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को टीके लगाए जाएंगे। बाजार में भी मार्च-अप्रैल तक टीका उपलब्ध होगा, लेकिन यह अपेक्षाकृत अधिक कीमतों पर उपलब्ध होगा।
एस्ट्रा, फाइजर टीके पर कवायद तेज
सरकार ने आपात स्थिति में फाइजर और एस्ट्राजेनेका के टीकों के इस्तेमाल के लिए इनकी समीक्षा की प्रक्रिया तेज कर दी है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने सोमवार को इसकी जानकारी दी। सरकार बड़े पैमाने पर इन टीकों की आपूर्ति के लिए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के साथ लगातार संपर्क में है। फाइजर ने भी सप्ताहांत में अपने टीके के इस्तेमाल के लिए आवेदन कर दिया था। अधिकारी ने कहा कि सरकार इन टीकों की तेजी से समीक्षा कर रही है।
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