Hindalco,

 08.12.20

हिंडाल्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने सिल्वासा में 34,000 टन क्षमता के निष्कर्षण संयंत्र की स्थापना पर 730 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की है। बिड़ला समूह की कंपनी ने एक विज्ञप्ति में कहा कि इस नए संयंत्र से पश्चिमी एवं दक्षिणी क्षेत्रों में तैयार एल्युमीनियम उत्पादों के लिए तेजी से उभरते बाजारों में आपूर्ति की जाएगी।

सिल्वासा परियोजना हिंडाल्को की डाउनस्ट्रीम रणनीति का हिस्सा है क्योंकि कंपनी अपनी दीर्घावधि डाउनस्ट्रीम निवेश योजना को पुनर्जीवित कर रही है। कंपनी ने कहा है कि वह अगले कुछ वर्षों के दौरान मूल्यवद्र्धित उत्पादों का एक व्यापक पोर्टफोलियो तैयार करना चाहती है। इस निवेश से आर्थिक सुधार में विश्वास का पता चलता है क्योंकि आर्थिक सुधार होने पर मूल्यवृद्र्धित उत्पादों की मांग बढ़ेगी।


हिंडाल्को इंडस्ट्रीज के प्रबंध निदेशक सतीश पई ने कहा, 'भवन एवं निर्माण और वाहन क्षेत्रों से मांग में तेजी के साथ ही हम अर्थव्यवस्था में सुधार देख रहे हैं। इससे हमें आगे बढऩे के लिए आश्वस्त हुए हैं। सिल्वासा संयंत्र से अपने ग्राहकों को तेजी से सेवाएं उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी और हम ऊंची गुणवत्ता वाले एल्युमीनियम उत्पादों की आपूर्ति कर सकेंगे।'


पूरी तरह स्वचालित इस संयंत्र में तीन निष्कर्षण प्रेस होंगे और यह हिंडाल्को को भवन एवं निर्माण, वाहन एवं परिवहन, इलेक्ट्रिकल, उपभोक्ता और औद्योगिक वस्तु क्षेत्रों में प्रीमियम ग्राहकों को सेवाएं उपलब्ध कराने में समर्थ बनाएगा। इन क्षेत्रों में टिकाऊ धातु के तौर पर एल्युमीनियम की लोकप्रियता बढ़ रही है।


भारत में एल्युमीनियम निष्कर्षण का बाजार फिलहाल करीब 3,73,000 टन का है जिसे 2030 तक बढ़कर करीब 8,50,000 टन होने का अनुमान है। देसी बाजार के पश्चिमी और दक्षिणी क्षेत्रों का कुल बाजार में 60 फीसदी से अधिक हिस्सेदारी है। सिल्वासा संयंत्र से कंपनी को इन क्षेत्रों में बेहतर गुणवत्ता वाले उत्पादों की आपूर्ति करने, तेजी से सेवाएं उपलब्ध कराने और सेवाएं उपलब्ध कराने के समय में कमी लाने में मदद मिलेगी।


विज्ञप्ति में कहा गया है, 'अगले कुछ वर्षों के दौरान हम अपनी डाउनस्ट्रीम रणनीति के तहत अपनी 3,00,000 टन की मौजूदा क्षमता को बढ़ाकर 6,00,000 टन से अधिक करना चाहते हैं और इस पर करीब 7,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। डाउनस्ट्रीम परिसंपत्तियों पर ध्यान केंद्रित करने संबंधी रणनीति हमारे टिकाऊ कारोबारी मॉडल का हिस्सा है। इसके जरिये हमारे कारोबार पर एलएमई उथल-पुथल का जोखिम को कम करने पर ध्यान दिया गया है।'


हिंडाल्को के मौजूदा निष्कर्षण संयंत्र उत्तर प्रदेश के रेणुकूट और केरल के अलुपुरम में हैं। इन संयंत्रों से मुख्य तौर पर वाहन, रक्षा, अंतरिक्ष एवं औद्योगिक क्षेत्रों को आपूर्ति की जाती है। सिल्वासा संयंत्र से कंपनी की क्षमता 34,000 टन बढ़ जाएगी और वह बीऐंडसी क्षेत्र पर ध्यान केंदित कर पाएगी। इस संयंत्र में वाणिज्यिक उत्पादन अगले 24 महीनों में शुरू होने की उम्मीद है।

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