Future Groups

 01.12.2020

फ्यूचर समूह के संस्थापक एवं मुख्य कार्याधिकारी किशोर बियाणी ने शनिवार को वीडियो कॉलिंग ऐप जूम पर अपने शीर्ष प्रबंधकों और करीब 300 वरिष्ठ पेशेवरों से बीती बातें भूलकर भविष्य की ओर ध्यान देने की अपील की। रिलायंस रिटेल को अपना खुदरा कारोबार, लॉजिस्टिक और थोक संपत्तियां बेचने से कुछ घंटे पहले बियाणी ने अपने सिपहसालारों के साथ यह ऑनलाइन बैठक की थी। बातचीत की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने कहा कि पूरे कॉल के दौरान बियाणी शांत नजर आए। बियाणी ने शनिवार को ही अपना खुदरा कारोबार रिलायंस रिटेल को 25,000 करोड़ रुपये में बेचने की घोषणा की है।


बियाणी को अमेरिकी की दिग्गज खुदरा कंपनी वॉलमार्ट के संस्थापक सैम वाल्टन के जोड़ का बताया जा रहा था। बियाणी को यह बात मालूम थी कि रिलायंस रिटेल के साथ सौदे के बाद उनके कारोबारी जीवन के एक बड़े हिस्से का पटाक्षेप हो जाएगा। रियायंस रिटेल को खुदरा कारोबार बेचने के बाद वह संगठित खुदरा कारोबार से बाहर आ जाएंगे, जिनकी शुरुआत उन्होंने 30 वर्ष पहले की थी। अब बाजी पूरी तरह रिलायंस रिटेल के हाथ में है, जिसने देश के सबसे बड़ी खुदरा कंपनी के तौर पर अपना सिक्का जमा लिया है। बियाणी मोटे तौर पर अब एफएमसीजी और परिधान ब्रांड के विनिर्माण, वितरण एवं इन्हें मंगाने के कारोबार से जुड़े रहेंगे।


इस साल मार्च तक किसी को इस बात की भनक तक नहीं थी कि भारत के 'रिटेल किंग' कहलाने वाले बियाणी अपना खुदरा कारोबार बेच देंगे। मगर तेजी से बढ़ते कर्ज और कोविड-19 महामारी ने कहानी ही पलट दी। बियाणी पिछले कई साल से बढ़ते कर्ज से जूझ रहे थे। उसके कारण उन्होंने कई बार अपनी रणनीति बदली और पैंटालूंस उन्हें आदित्य बिड़ला ग्रुप को बेचनी तक पड़ गई। विशेषज्ञ कह रहे हैं बियाणी की रुखसती के साथ ही देसी खुदरा बाजार से एक निडर उद्यमी चला गया है।


खुदरा कारोबार से जुड़ी एक कंपनी के मुखिया ने नाम सार्वजनिक नहीं करने की शर्त पर बताया, 'किसी के अतीत और उसकी विरासत की समीक्षा निष्पक्ष रूप से की जानी चाहिए। बियाणी की महत्त्वाकांक्षा और उनके संसाधनों में तालमेल नहीं था। उन्होंने अपनी योजनाएं बढ़ाने के लिए कर्ज का सहारा लिया था और जब मामला हाथ से निकल गया तो कारोबार बेचने के अलावा कोई चारा नहीं रह गया।' बीएस रिसर्च द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार फ्यूचर समूह की सूचीबद्ध कंपनियों पर कुल कर्ज करीब 12,000 करोड़ रुपये था। प्रवर्तक समूह की इकाइयों पर भी 12,000 करोड़ रुपये कर्ज है। मगर कुछ सूत्रों का कहना है कि यह आंकड़ा इसका लगभग आधा है।


वजूद स्थापित करने का जुनून


1990 के शुरुआत में भारत में रेडीमेड कारोबार में काफी भीड़ था। उसी समय 31 वर्षीय बियाणी ने खुदरा कारोबार का पहला सबक लिया था, 'कभी-कभी अपना वजूद बताने के लिए आपको अतिरिक्त प्रयास करना होता है।' नतीजा यह हुआ कि बियाणी ने अपने डेनिम ब्रांड बेयर के प्रचार में 60 लाख रुपये खर्च कर दिए, जबकि पहले साल में उसका कारोबार केवल 7 लाख रुपये था। बियाणी का परिवार अरविंद मिल को डेनिम देता था। उन्होंने पारिवारिक कारोबार से किनारा कर लिया, 7 लाख रुपये जमा किए और 1987 में छोटा सा कारखाना जमा लिया।  


उस समय महज 26 साल के बियाणी उस कारखाने में रोजाना 200 पतलून तैयार करने और डब्ल्यूबीबी ब्रांड के तहत बेचने लगे। इसके बाद उन्होंने मैंज वियर नाम की नई कंपनी बनाई और पैंटालूंस नाम से पतलून का ब्रांड शुरू कर दिया। मैंज वियर 1992 में सूचीबद्घ हुई और बाद में फ्यूचर समूह की प्रमुख कंपनी फ्यूचर रिटेल बन गई। विनिर्माण से खुदरा कारोबार में उतरना बियाणी के कारोबारी जीवन का एक अहम मोड़ था।1993 में बियाणी ने एक छोटे स्टोर के साथ शुरुआत की और गोवा की राजधानी पणजी में पैंटालून शॉप का आगाज हुआ। कुछ साल बाद बियाणी ने 1998 में कोलकाता में बड़ा स्टोर खोला। इस दौरान उन्होंने कई हिम्मत भरे फैसले किए। मुंबई के बजाय कोलकाता में स्टोर खोलने की वजह पूछे जाने पर बियाणी ने कहा था, 'अगर आप कोलकाता में अपनी साख जमा लेते हैं तो दूसरे बाजारों में भी सिक्का जमा लेंगे। कोलकाता के लोगों के पास पैसा है और वे किसी भी ब्रांड के साथ भावनात्मक रूप से जुड़ जाते हैं।'  


बियाणी ने अपने जीवन के शुरुआती वर्ष मुंबई में ही बिताए थे और शहर के एच आर कॉलेज में वाणिज्य विषय की पढ़ाई की थी। 2008 तक पैंटालून्स, फूड बाजार सुपरमार्केट्स और बिग बाजार हाइपरमार्केट्स आदि के करीब 1,000 स्टोर खुल गए। मगर 2012 तक बियाणी का खुदरा कारोबार कमजोर पडऩे लगा और उन्हें 1,600 करोड़ रुपये में पैंटालून्स रिटेल बेचनी पड़ी। उन पर करीब 8,000 करोड़ रुपये कर्ज चढ़ चुका था। हाल के वर्षों में बियाणी ने कारोबार संभालने के लिए एमेजॉन सहित कई कंपनियों से सौदे भी किए, लेकिन किसी से मदद नहीं मिली और कर्ज का अंबार बढ़ता गया। इसके बाद जिस ढलान की शुरुआत हुई वह शनिवार को अपने चरम पर पहुंच गया।

++++++

Comments

Popular posts from this blog

Hindalco,

GHCL