Bargar king,

 क्विक सर्विस रेस्टोरेंट बर्गर किंग इंडिया का आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) शुक्रवार को बंद हो गया और उसे पेश किए गए शेयरों के मुकाबले 157 गुना से ज्यादा आवेदन मिले। इस आईपीओ को 11.7 अरब शेयरों (70,000 करोड़ रुपये) के लिए बोली मिली जबकि कंपनी ने सिर्फ 7.5 करोड़ शेयरों की पेशकश की थी। इस तरह से यह आईपीओ सबसे ज्यादा आवेदन पाने वाले आईपीओ में से एक बन गया।

कंपनी रेस्टोरेंट कारोबार का परिचालन करती है, जो कोविड-19 महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र में से एक है। इसके बावजूद कंपनी के आईपीओ को इतने ज्यादा आवेदन मिले। क्यूआईबी श्रेणी में 87 गुना आवेदन मिले, जिसमें एंकर निवेश शामिल नहीं है। धनाढ्य निवेशकों (एचएनआई) और खुदरा श्रेणी में क्रमश: 354 गुना व 68 गुना आवेदन मिले। इस आईपीओ में खुदरा श्रेणी का कोटा 10 फीसदी है क्योंंकि कंपनी मुनाफा के मानकों को पूरा नहींं कर पाई। सामानन्य आईपीओ में खुदरा निवेशकों के लिए 35 फीसदी शेयर होते हैं।

विश्लेषकों ने कहा कि बर्गर किंग इंडिया संगठित क्यूएसआर क्षेत्र में काम करती है, जहां अगले पांच साल में बढ़त की सालाना दर 19 फीसदी रहने का अनुमान है और इसके 82,500 करोड़ रुपये पर पहुंचने की संभावना है। कुछ का मानना है कि संगठित कंपनियों के लिए बढ़त की रफ्तार और ऊंची रह सकती है क्योंंकि महामारी से असंगठित क्षेत्र काफी ज्यादा प्रभावित हुए हैं।

आईसीआईसीआई डायरेक्ट ने एक नोट में कहा है, कोरोना के कारण पैदा हुए अवरोध और फूड डिलिवरी कारोबार के विस्तार के कारण असंगठित क्षेत्र के छोटे रेस्तरां से घटती प्रतिस्पर्धा का फायदा मिलने से कंपनी भारत में अपना विस्तार करने के लिहाज से बेहतर स्थिति में है। हमारा मानना है कि बर्गर किंग इंडिया खानपान की बदलती आदत या बाहर खाना खाने की आदत का पूरा फायदा उठाने में सक्षम होगी। बर्गर किंग इंडिया ने नवंबर 2019 में पेशकश दस्तावेज जमा कराया था और कंपनी ने आईपीओ की योजना करीब-करीब टाल दी थी।

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